महा कुंभ का रहस्य
कुंभ मेले देश की उन कुछ खास जगहों पर आयोजित किये जाते हैं जहां पर एक संपूर्ण ऊर्जा मंडल तैयार किया गया था। चूंकि हमारी पृथ्वी अपनी धुरी पर घूम रही है इसलिए यह एक 'अपकेंद्रिय बल’ यानी केंद्र से बाहर की ओर फैलने वाली ऊर्जा पैदा करती है। पृथ्वी के 0 से 33 डिग्री अक्षांश में यह ऊर्जा हमारे तंत्र पर मुख्य रूप से लम्बवत व उर्ध्व दिशा में काम करती है। खास तौर से 11 डिग्री अक्षांश पर तो ऊर्जाएं बिलुकल सीधे ऊपर की ओर जातीं हैं। इसलिए हमारे प्राचीन गुरुओं और योगियों ने गुणा-भाग कर पृथ्वी पर ऐसी जगहों को तय किया, जहां इंसान पर किसी खास घटना का जबर्दस्त प्रभाव पड़ता है। इनमें से अनेक जगहों पर नदियों का समागम है और इन स्थानों पर स्नान का विशेष लाभ भी है। अगर किसी खास दिन कोई इंसान वहां रहता है तो उसके लिए दुर्लभ संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं। इसलिए इन मौकों का लाभ उठाने के लिए लोग वहां पहुंचते हैं।
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1/7/20251 min read


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